डमरू वाले ओ डमरू वाले o bansi vale
शीश जटा में गंग विराजे,
तुमने लाखो की बिगड़ी बनाई,
अपने अंग भभूत रमाई,
जो भी तेरा ध्यान लगाए,
उसको सब दे डाले,
डमरू वाले ओ डमरू वाले || १ ||
नित अंग पे भस्मी लगाए,
जाने किसका तू ध्यान लगाए,
रहता है अलमस्त ध्यान में,
पीकर भंग के प्याले,
डमरू वाले ओ डमरू वाले || २ ||
सब देवो ने अमृत पाया,
तुम्हे जहर हलाहल भाया,
महल अटारी सबको बांटे,
तुम हो मरघट वाले,
डमरू वाले ओ डमरू वाले || ३ ||
भोले सुनलो अरज हमारी,
हम आये शरण तुम्हारी,
सब देवो में देव बड़े हो,
दुनिया के रखवाले,
डमरू वाले ओ डमरू वाले || ४ ||
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